एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे थे। उनके मन में एक नया सवाल आया, जिसे हल करना आसान नहीं था। उन्होंने अपने सभी दरबारियों को बुलाया और कहा, “आज मैं तुम सबके सामने एक पहेली रखता हूँ। जो इसका सही उत्तर देगा, उसे मैं इनाम दूँगा।”
सभी दरबारी उत्सुकता से बादशाह अकबर की बात सुनने लगे। अकबर ने कहा, “इस दुनिया में सबसे बड़ी चीज़ क्या है?”
दरबारियों ने अपने-अपने विचार रखने शुरू किए। किसी ने कहा, “सूर्य सबसे बड़ा है, क्योंकि वह पूरे संसार को रोशनी देता है।” किसी ने कहा, “धरती सबसे बड़ी है, क्योंकि यह सबको अपने ऊपर स्थान देती है।” लेकिन अकबर उनके उत्तरों से संतुष्ट नहीं हुए।
तभी बीरबल मुस्कुराए और बोले, “जहाँपनाह, इस संसार में सबसे बड़ी चीज़ बुद्धि है।”
अकबर ने हैरानी से पूछा, “बीरबल, तुम ऐसा क्यों कहते हो?”
बीरबल ने विनम्रता से उत्तर दिया, “जहाँपनाह, सूर्य बड़ा हो सकता है, लेकिन अगर बादल उसे ढक दें, तो उसकी रोशनी भी फीकी पड़ जाती है। धरती विशाल हो सकती है, लेकिन मनुष्य की बुद्धि ने समुद्र पार कर लिए, आसमान में उड़ान भर ली, और यहाँ तक कि पहाड़ों को भी छोटा बना दिया। बुद्धि से ही मनुष्य ने असंभव को संभव किया है। इसलिए, इस दुनिया में सबसे बड़ी चीज़ बुद्धि है।”
बादशाह अकबर को बीरबल का उत्तर बहुत पसंद आया। उन्होंने प्रसन्न होकर घोषणा की, “बीरबल, तुम्हारी बुद्धिमानी की कोई तुलना नहीं। तुमने सच में सबसे बड़ा उत्तर दिया है।” इसके साथ ही उन्होंने बीरबल को बहुमूल्य उपहार देकर सम्मानित किया।
सभी दरबारी बीरबल की चतुराई से प्रभावित हुए और अकबर भी एक बार फिर उनकी बुद्धिमत्ता के कायल हो गए।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दुनिया में सबसे बड़ी चीज़ धन, शक्ति, या बल नहीं, बल्कि बुद्धि होती है। चतुराई से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
समाप्त।